
उदयपुर जिले के ऋषभदेव थाने में हिरासत में लिए गए एक ज्वेलर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद इलाके में भारी विरोध और हंगामा खड़ा हो गया। मृतक की पहचान डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा निवासी सुरेश पंचाल (55) के रूप में हुई है। आरोप है कि पुलिस पूछताछ के दौरान टॉर्चर के चलते उनकी मौत हुई, वहीं पुलिस ने इसे तबीयत बिगड़ने से हुई मौत बताया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को सुरेश पंचाल को चोरी के माल की खरीद-फरोख्त के आरोप में थाने लाया गया था। पुलिस पूछताछ के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें तुरंत ऋषभदेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
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टॉर्चर और धमकियों का आरोप
मृतक के बेटे हिमांशु पंचाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पहले गोवर्धन विलास थाने की पुलिस उनके पिता को ले गई थी और वहां उन्हें धमकाया और प्रताड़ित किया गया। इसके बाद उन्हें ऋषभदेव थाने लाया गया, जहां संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई।
परिजनों और समाज का भारी विरोध प्रदर्शन
जैसे ही सुरेश पंचाल की मौत की खबर फैली, परिजन और समाज के सैकड़ों लोग ऋषभदेव पहुंचे और स्वास्थ्य केंद्र और थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने मुआवजा देने, परिजन को सरकारी नौकरी देने और दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तीन थानों की पुलिस फोर्स को मौके पर बुलाया गया। मौके पर डीएसपी राजीव राहर, तहसीलदार वीरेंद्र सिंह राठौड़ सहित कई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे और लोगों को शांत कराने की कोशिश की।
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एसपी ने चार पुलिसकर्मी किए निलंबित
विवाद बढ़ने पर उदयपुर एसपी योगेश गोयल ने तुरंत एक्शन लेते हुए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। एसपी ने कहा कि परिजनों की शिकायत के आधार पर मेडिकल जांच और मजिस्ट्रियल जांच करवाई जा रही है। साथ ही जिन पुलिसकर्मियों पर करप्शन और टॉर्चर के आरोप हैं, उनके खिलाफ एडिशनल एसपी स्तर पर जांच करवाई जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पोस्टमार्टम और मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
प्रशासन ने पोस्टमार्टम बोर्ड का गठन किया है। मृतक का शव परिजनों की सहमति और प्रदर्शन के शांत होने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। न्यायिक जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।