राष्ट्रीय खेल दिवस: ‘खेलगांव’ में निखर रही जनजाति इलाके और शहर के खिलाड़ियों की प्रतिभा, ये चमकते हीरे कर रहे नाम रोशन


उदयपुर: मिट्टी के मैदान, टूटी-फूटी गेंद और सीमित संसाधनों के बीच पले-बढ़े जनजाति बहुल इलाकों व शहर की गलियों से निकले बच्चे अब खेलगांव की सुविधाओं की बदौलत खेल जगत में नई पहचान बना रहे हैं। थोड़ी सी सुविधा और गुरुज्ञान ने उनकी लगातार प्रतिभा निखर रही है। आज यही खिलाड़ी तीरंदाजी, तैराकी, हॉकी, क्रिकेट, बास्केटबॉल, स्केटिंग, जूडो और मुक्केबाजी में अपनी चमक बिखेर रहे हैं।



Source link