
आरोपी के खिलाफ नारेबाजी और कार्रवाई की मांग
वीडियो सामने आते ही स्कूल से जुड़े अभिभावक और समाज के लोग आक्रोशित हो गए। बड़ी संख्या में लोग स्कूल के बाहर जमा हो गए और डायरेक्टर के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई करो’ के नारे लगाने लगे। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो व्यक्ति एक शैक्षणिक संस्था की अगुवाई करता है, उससे इस तरह की अशोभनीय हरकत की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने इसे पूरे शिक्षा जगत की गरिमा पर सवाल खड़ा करने वाला बताया। आक्रोशित अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों की शिक्षा ऐसे व्यक्ति के नेतृत्व में सुरक्षित नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्कूल प्रशासन और पुलिस जल्द कोई कठोर कदम नहीं उठाते हैं तो वे आंदोलन को और व्यापक करेंगे।
यह भी पढ़ें- Jaipur News: CM भजनलाल ने किसानों-आदिवासियों के लिए की बड़ी घोषणाएं, 76 लाख किसानों को ₹1600 करोड़ की सौगात
पुलिस मौके पर पहुंची, जांच का दिया आश्वासन
स्थिति के बिगड़ने और भीड़ के उग्र रूप लेने से पहले ही भूपालपुरा पुलिस थाना की टीम स्कूल परिसर पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है। अगर आरोप सही पाए गए, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पुलिस ने यह भी कहा कि इस तरह की गंभीर शिकायत को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
पठन-पाठन पर असर, अभिभावकों में भय और असंतोष
इस घटनाक्रम का सीधा असर स्कूल के शैक्षणिक माहौल पर पड़ा। विरोध के चलते स्कूल में दिनभर पठन-पाठन पूरी तरह बाधित रहा। कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा और कुछ ने तो प्रशासन से यह मांग तक कर दी कि जब तक आरोपी डायरेक्टर को पद से हटाकर निष्पक्ष जांच नहीं कराई जाती, तब तक वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।
कई अभिभावकों ने यह चिंता भी जताई कि इस घटना के बाद स्कूल में बच्चों की मानसिक सुरक्षा पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है। उनका कहना है कि बच्चों को एक ऐसा वातावरण मिलना चाहिए जो पूरी तरह सुरक्षित, प्रेरणादायक और नैतिक मूल्यों पर आधारित हो।
यह भी पढ़ें- Banswara News: CM भजनलाल का BAP पर तीखा हमला, कहा- भाजपा गरीबों के लिए काम कर रही, कुछ लोग बच्चों को बरगला रहे
‘कार्रवाई नहीं हुई तो होगा बड़ा आंदोलन’
प्रदर्शन में शामिल समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि प्रशासन इस मामले में जल्द सख्त और सार्वजनिक कार्रवाई नहीं करता, तो वे यह आंदोलन जिला मुख्यालय तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षा का स्थान सबसे ऊपर होता है और यदि वहां बैठे व्यक्ति ही इस तरह के कृत्य में लिप्त पाए जाते हैं, तो उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।