
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। यह फिल्म जून 2022 में उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या की घटना पर आधारित है। जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कन्हैया लाल की हत्या के एक आरोपी मोहम्मद जावेद के वकील को पहले याचिका में मौजूद गलतियों को सुधारने का निर्देश दिया।
पीठ ने नियमित बेंच के समक्ष अपील का निर्देश दिया
याचिका में कहा गया है कि अभी कन्हैया लाल मर्डर केस की सुनवाई चल रही है और सुनवाई के बीच फिल्म के रिलीज होने से आरोपी का निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार प्रभावित हो सकता है। फिल्म उदयपुर फाइल्स 11 जुलाई को रिलीज होनी है। पीठ ने फिल्म की रिलीज से पहले याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि वे पहले नियमित पीठ के समक्ष अपील करें।
यह याचिका मोहम्मद जावेद ने दायर की थी, जो कन्हैया लाल की हत्या के मामले में आरोपी है। याचिका में मामले की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज पर रोक की मांग की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि फिल्म अपने ट्रेलर और प्रचार सामग्री से सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ प्रतीत होती है, और इस समय फिल्म को रिलीज़ करने से चल रही कार्यवाही पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
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कन्हैया लाल की उदयपुर में की गई थी नृशंस हत्या
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के उदयपुर में रहने वाले दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में कथित तौर पर मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने घृणा अपराध के चलते नृशंस हत्या कर दी थी। हमलावरों ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें दावा किया गया था कि यह हत्या पूर्व भाजपा नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणियों के बाद उनके समर्थन में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करने के कारण की गई थी।
इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने की और आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अलावा, कठोर गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह मुकदमा जयपुर स्थित विशेष एनआईए अदालत में लंबित है।