उदयपुर शहर के बीचों-बीच स्थित एक होटल में उस समय अफरातफरी मच गई, जब गार्डन के एक कोने में अचानक कोबरा सांपों का झुंड नजर आया। सेवाश्रम क्षेत्र में स्थित इस होटल में रविवार को 18 छोटे कोबरा सांप और एक बड़ा कोबरा पाए गए, जो गार्डन में पड़े पुराने कबाड़ के पीछे छिपे हुए थे। इस नजारे को देखकर होटल स्टाफ और वहां मौजूद लोग हक्के-बक्के रह गए और तुरंत रेस्क्यू टीम को सूचना दी।
कबाड़ हटाया तो एक-एक कर निकलने लगे कोबरा
जानकारी मिलने पर वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर से डॉ. चमन सिंह चौहान अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि जैसे ही कबाड़ को हटाया गया, वहां से एक-एक कर कुल 18 कोबरा सांपों के बच्चे और एक वयस्क कोबरा बाहर निकले। सभी बच्चों की हालत से अनुमान लगाया गया कि वे हाल ही में अंडों से निकले हैं। डॉ. चौहान ने बताया कि कोबरा सांप एक बार में लगभग 12 से 20 अंडे देता है और यह घटना उसी प्राकृतिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
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बड़े कोबरा का दुर्लभ व्यवहार, बच्चों को नहीं पहुंचाया नुकसान
रेस्क्यू टीम के अनुसार, आमतौर पर कोबरा सांप अपने बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन इस घटना में बड़ा कोबरा शांत अवस्था में पाया गया और उसने किसी भी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया। बच्चों के साथ फन फैलाकर बैठा बड़ा कोबरा एक दुर्लभ दृश्य था, जिसे देखकर स्वयं रेस्क्यू टीम भी हैरान रह गई।
सभी सांपों को सुरक्षित छोड़ा गया जंगल में
रेस्क्यू टीम ने सभी 19 कोबरा सांपों को सावधानीपूर्वक पकड़ा और उन्हें प्राकृतिक आवास यानी जंगल में छोड़ दिया। इस दौरान किसी प्रकार की जनहानि या सांपों को क्षति नहीं हुई, जो राहत की बात रही।
डॉ. चमन सिंह चौहान और उनकी टीम ने होटल स्टाफ और स्थानीय लोगों को सावधानी बरतने और नियमित साफ-सफाई करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि बरसात के मौसम में सांप, खासकर कोबरा प्रजाति, अक्सर ठंडी और गीली जगहों की तलाश में रिहायशी इलाकों में घुस आते हैं। इसीलिए जरूरी है कि कबाड़ और नमी वाले स्थानों की सफाई समय-समय पर की जाए।