
उदयपुर शहर में मंगलवार को धार्मिक उत्साह और भक्ति भाव के साथ भव्य कावड़ यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा हर वर्ष की तरह इस बार भी देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि, अच्छी बारिश और जनकल्याण की कामना के साथ निकाली गई, जिसमें हजारों शिवभक्तों ने भाग लिया।
गंगू कुंड से हुआ यात्रा का शुभारंभ
कावड़ यात्रा की शुरुआत उदयपुर के ऐतिहासिक गंगू कुंड से हुई, जहां विधिविधान से गंगा पूजन के बाद श्रद्धालुओं ने कावड़ में गंगाजल भरा। इसके बाद “हर हर महादेव” और “बोल बम” के जयघोष के साथ कावड़िए 21 किलोमीटर दूर उभयेश्वर महादेव मंदिर की ओर पदयात्रा पर रवाना हुए।
पूरे मार्ग में श्रद्धा और सेवा का अद्भुत संगम
यात्रा के मार्ग में शहरवासियों ने जगह-जगह स्टॉल लगाकर कावड़ियों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया। साथ ही फल, जलपान, शीतल पेय और प्राथमिक चिकित्सा की नि:शुल्क व्यवस्था भी की गई। यात्रा में युवा, महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे सभी वर्गों के लोग पूरे जोश और भक्ति के साथ शामिल हुए।
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चलती-फिरती भक्ति झांकी बना यात्रा मार्ग
ढोल-डमरू, भजन-कीर्तन और शिव आराधना की धुनों के बीच कावड़ यात्रा चलती-फिरती भक्ति झांकी में तब्दील हो गई। पूरे मार्ग में शिवभक्ति और अनुशासन की अनूठी मिसाल देखने को मिली। शिव महोत्सव समिति के पदाधिकारी राम कृपा शर्मा ने बताया कि यह कावड़ यात्रा बीते दो दशकों से नियमित रूप से आयोजित की जा रही है। हर वर्ष इसमें श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे यह आयोजन उदयपुर की प्रतिष्ठित धार्मिक परंपरा बन गया है।