
पिछले मानसून सीजन में राजस्थान में बारिश के कई रिकॉर्ड टूटे थे लेकिन इस साल की बारिश ने पिछले साल के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। राजस्थान में इस साल मानसून करीब 10 दिन पहले आया और पहले ही पखवाड़े में राजस्थान के बांधों का गला तर कर दिया। मध्यप्रदेश के आसपास बने डीप डिप्रेशन के प्रभाव राजस्थान में बीते 48 घंटों से जोरदार बारिश हो रही है। प्रदेश के बांधों में पानी की जोरदार आवक हो रही है।
पिछले साल की तुलना करें तो 27 जुलाई तक प्रदेश में 691 छोटे बांधों में मात्र 20 बांध ही पूरी तरह भरे थे जबकि इस बार 27 जुलाई को यह संख्या 200 के पार जा चुकी है। बड़े बांधों की बात करें तो कोटा, टोंक, धौलपुर, पाली और राजसमंद में पिछले साल के मुकाबले इस बार कहीं ज्यादा आवक दर्ज की जा रही है। बीसलपुर बांध के निर्माण से लेकर अब तक जुलाई में पहली बार बांध पर चादर चली है। सोमवार को बांध के 6 गेट खोलकर 72 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी की निकासी की गई। कोटा में चंबल खतरे के निशान पर बह रही है। यहां चंबल का पानी निकले इलाकों की बस्तियों तक पहुंच चुका है। पाली में भारी बारिश के चलते सड़कों पर जलभराव इतना ज्यादा हो गया है कि वहां नावें चलानी पड़ रही हैं।
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पिछले साल से बड़े बांधों की तुलनात्मक स्थिति देखें तो प्रदेश के 23 बड़े, 263 मीडियम तथा 407 छोटे बांध रविवार तक अपनी कुल भराव क्षमता के 72 प्रतिशत से अधिक के स्तर पर रहे। जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 37.56 प्रतिशत ही था।
पिछले साल के मुकाबले राजस्थान में इस साल लगभग दो गुना बारिश हो चुकी है। पिछले साल 27 जुलाई तक प्रदेश में 187.47 एमएम बारिश हुई थी। जबकि इस साल यह आंकड़ा 355.78 एमएम हो चुका है। हालांकि पिछले साल अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश हुई थी।