
जिले के आदिवासी बहुल कोटड़ा ब्लॉक के पीपला गांव में गुरुवार रात एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यहां स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय के दो कमरे अचानक भरभराकर गिर गए। यह घटना रात करीब 8 बजे हुई, जब स्कूल में कोई मौजूद नहीं था। यदि यह हादसा दिन के समय होता तो कई बच्चों की जान पर बन सकती थी।
स्कूल भवन गिरने की तेज आवाज सुनकर पास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। गांव के सरपंच मन्नालाल भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। सरपंच ने बताया कि इस विद्यालय की जर्जर स्थिति के बारे में उन्होंने कई बार प्रशासन और शिक्षा विभाग को अवगत कराया था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। स्कूल के दो अन्य कमरे भी खस्ताहाल हैं, जो किसी भी वक्त गिर सकते हैं। इस विद्यालय में लगभग 250 बच्चे पढ़ाई करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार स्कूल के प्रधानाध्यापक हेमंत कुमार को भी स्कूल भवन की खराब हालत के बारे में जानकारी दी थी, मगर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
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घटना की जानकारी सरपंच ने रात में ही कोटड़ा के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को दी लेकिन देर रात तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। ग्रामीणों ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के साथ ऐसा खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बता दें कि बीते 2 दिनों में जिले के वल्लभनगर के रूपहैली गांव और कानोड़ ब्लॉक के एक स्कूल में भी भवन के हिस्से गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। यह घटनाएं जिले में सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति और प्रशासन की अनदेखी की पोल खोल रही हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू नहीं किया गया और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हुई तो वे स्कूल में बच्चों को भेजना बंद कर देंगे और प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे।