उदयपुर में गणेश उत्सव के तहत बापू बाजार स्थित श्री स्वास्तिक विनायक गणपति मंडल ने 17 फीट ऊंचे ‘उदयपुर चा राजा’ का डेढ़ करोड़ रुपये के नोटों से भव्य शृंगार किया, जिसे देखने देर रात तक हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
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नोटों से हुआ गणपति का शृंगार
– फोटो : अमर उजाला
गणेशजी की इस 17 फीट ऊंची प्रतिमा को 50, 100, 200 और 500 रुपए के नोटों से सजाया गया है। दरबार को भी भव्य रूप दिया गया, जिसे देखने वाले श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। इस विशेष शृंगार को तैयार करने के लिए मुंबई से आई आठ सदस्यीय टीम ने लगातार पांच दिनों तक मेहनत की।
मंडल पिछले 24 साल से गणेश महोत्सव का आयोजन कर रहा है और पिछले आठ वर्षों से नोटों की आंगी की परंपरा निभा रहा है। इसकी शुरुआत 5 लाख 55 हजार 555 रुपए से हुई थी, जो आगे 7 लाख 77 हजार 777 और 11 लाख 11 हजार 111 रुपए तक पहुंची। इस वर्ष यह राशि बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई। मंडल कार्यकर्ताओं ने बताया कि यह पूरी राशि 30 कार्यकर्ताओं द्वारा मिलकर एकत्र की जाती है और आयोजन के बाद लौटा दी जाती है।
17 फीट ऊंची प्रतिमा को 50, 100, 200 और 500 रुपए के नोटों से सजाया
– फोटो : अमर उजाला
मंगलवार रात 9.30 बजे जब शृंगार के दर्शन आमजन के लिए खुले, तो भारी संख्या में लोग पहुंच गए। भीड़ के कारण कुछ देर के लिए धक्का-मुक्की भी हुई, लेकिन पुलिस और मंडल कार्यकर्ताओं ने स्थिति संभाल ली। भीड़ को देखते हुए रात 2 बजे तक दर्शन जारी रखे गए। दर्शन के बाद श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया।
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बप्पा ने पहनी नोटों की आंगी
– फोटो : अमर उजाला
आयोजन के दौरान उदयपुर एसपी योगेश गोयल भी पहुंचे और आरती की। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए मंडल ने 10 बाउंसर तैनात किए थे, वहीं पुलिस बल भी लगातार निगरानी में तैनात रहा।
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बप्पा के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ा
– फोटो : अमर उजाला
गणपति बप्पा का यह अनोखा शृंगार पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। श्रद्धालुओं का कहना है कि मुंबई के लालबाग का राजा की तर्ज पर उदयपुर चा राजा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि सामाजिक एकजुटता और भक्ति की मिसाल भी है।