School Girl Rape Case: पीड़िता आरोपी संग पहले माहीडैम, फिर एक अन्य स्थान पर गई थी; पुलिस जांच में ऐसा खुलासा


बांसवाड़ा जिले के घाटोल थाना क्षेत्र में एक स्कूली छात्रा से दुष्कर्म की घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में पुलिस अनुसंधान के दौरान पीड़िता और उसकी मां के बयानों, प्राथमिकी और जांच में सामने आए तथ्यों में विरोधाभास सामने आए हैं। पुलिस ने मुख्य नाबालिग आरोपी को हिरासत में लेकर बाल संप्रेषण गृह भेज दिया है और मामले की गहन जांच जारी है। पीड़िता का इलाज उदयपुर के महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय में चल रहा है, जहां उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
 
दुष्कर्म और अपहरण का मामला
जानकारी के मुताबिक, यह घटना 20 अगस्त की सुबह हुई, जब पीड़िता स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी। उसने अपनी मां को बताया कि ऑटो न मिलने पर वह घर लौट रही थी, तभी एक नाबालिग सहपाठी और उसके दोस्त ने उसे जान से मारने की धमकी देकर मोटरसाइकिल पर अपहरण कर लिया। उसे पहले एक मकान और फिर एक रिश्तेदार के घर ले जाया गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया। विरोध करने पर मारपीट की गई। अगले दिन 21 अगस्त को आरोपी ने उसे पीपलखूंट-खमेरा मार्ग पर फेंक दिया। राहगीरों ने गंभीर हालत में पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि प्राथमिकी में केवल एक नाबालिग आरोपी का जिक्र है, लेकिन पीड़िता की मां ने बाद में उदयपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को दिए परिवाद में एक अन्य युवक की संलिप्तता का भी उल्लेख किया।
 
पुलिस अनुसंधान में विरोधाभासी तथ्य
पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि जांच के दौरान कई विरोधाभासी तथ्य सामने आए हैं। पीड़िता की मां ने प्राथमिकी में बताया कि 20 अगस्त को उसे एक कॉल आया, जिसमें कहा गया कि उसकी बेटी रात को घर नहीं आएगी। लेकिन कॉल डिटेल्स से पता चला कि यह कॉल पीड़िता की मां के मोबाइल से ही किया गया था। इसके अलावा अगस्त माह में पीड़िता और नाबालिग आरोपी के नंबरों के बीच लगभग 400 बार कॉल हुईं। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पता चला कि दोनों माहीडैम और एक अन्य स्थान पर गए थे और फिर पीपलखूंट पहुंचे। ये तथ्य प्राथमिकी और पीड़िता के बयानों से मेल नहीं खाते, जिसने जांच को जटिल बना दिया है। पुलिस अब पीड़िता के दोबारा बयान लेने की तैयारी कर रही है ताकि सच्चाई स्पष्ट हो सके।

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दुष्कर्म पीड़िता की हालत गंभीर

21 अगस्त को पीड़िता को गंभीर हालत में बांसवाड़ा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उसे उदयपुर के महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय रेफर किया गया। 22 अगस्त को उसका ऑपरेशन हुआ, जिसमें पता चला कि उसके प्राइवेट पार्ट, मलद्वार, गर्भाशय और रीढ़ की हड्डी में गहरी चोटें हैं। डॉक्टरों का कहना है कि दुष्कर्म के बाद बोतल या लकड़ी का डंडा डालने से ऐसी चोटें आईं। पीड़िता को लगभग 10 दिन तक आईसीयू में रखा गया और अब उसे सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया गया है। उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन वह अभी भी अस्पताल में भर्ती है। शौच के लिए उसे पेट से नली लगाई गई है और भीतरी अंगों में टांके लगाए गए हैं।

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पुलिस की कार्रवाई और नाबालिग आरोपी

पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य नाबालिग आरोपी को हिरासत में लेकर उसे बाल संप्रेषण गृह भेज दिया है। पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि पीड़िता ने उदयपुर में डॉक्टरों को दिए बयान में भी केवल नाबालिग आरोपी का ही जिक्र किया, लेकिन उसकी मां के परिवाद में एक अन्य युवक की संलिप्तता का उल्लेख है। इस विरोधाभास को स्पष्ट करने के लिए पुलिस गहन अनुसंधान कर रही है। मोबाइल कॉल डिटेल्स और लोकेशन डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है ताकि घटनाक्रम की पूरी तस्वीर सामने आ सके। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि मामले को त्वरित न्यायालय में ले जाया जाएगा ताकि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिले।



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