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डीडवाना-कुचामन जिले के हरियाजून गांव की 200 मीटर ऊंची टीखली डूंगरी पर स्थित गोपेश्वर महादेव मंदिर श्रद्धा, श्रमदान और सामूहिक संकल्प का जीवंत उदाहरण बना हुआ है। पहाड़ी पर मंदिर तक के रास्ते में लगी ग्रामीणों की यह कतार केवल पूजापाठ के लिए नहीं, बल्कि
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मंदिर स्थल तक निर्माण सामग्री के वाहनों का पहुंचना संभव नहीं, इसलिए ग्रामीण अपने कंधों पर ढोकर यह सामग्री पहुंचा रहे हैं। यह सिलसिला गत तीन वर्ष से चल रहा है। इस प्राचीन शिवमंदिर तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर की कठिन चढ़ाई है, लेकिन श्रद्धालु भरपूर श्रमदान कर रहे हैं। कोई टाइल्स का बॉक्स लेकर चढ़ रहा है, तो कोई सीमेंट या बजरी से भरी थैलियां। अब तक करीब 100 टन से ज्यादा निर्माण सामग्री इस घुमावदार पगडंडी के जटिल रास्ते से गुजरते हुए ग्रामीणों द्वारा श्रमदान कर चढ़ाई जा चुकी है। इसमें दो डम्पर बजरी, 5 पिकअप टाइल्स, 400 सीमेंट कट्टे और 2000 फीट ग्रेनाइट-मार्बल शामिल हैं।
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