
दो दिवसीय ‘हर स्वर विश्व मोहन’ अमृत महोत्सव की शुरुआत हुई।
प्राचीन कला केंद्र, प्लेटफॉर्म, होटल क्लार्क आमेर और संगीत कला निकेतन के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय ‘हर स्वर विश्व मोहन’ अमृत महोत्सव की शुरुआत हुई। यह आयोजन ग्रैमी अवॉर्ड विजेता पद्मभूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट के 75वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में क
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शाम की शुरुआत सितार वादक डॉ. शिवा व्यास की राग जोग में प्रस्तुति से हुई, जिनके साथ तबले पर पं. अभिषेक मिश्रा ने बेहतरीन संगत दी। इसके बाद राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि अशोक जामनानी ने अपनी प्रभावशाली कविताओं से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण तंत्री सम्राट पं. सलिल भट्ट और शास्त्रीय गायक पं. गौतम काले रहे ।
संगीत की त्रिवेणी से सजी शाम
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण तंत्री सम्राट पं. सलिल भट्ट और शास्त्रीय गायक पं. गौतम काले रहे। पं. भट्ट की सात्विक वीणा और पं. काले के सुरों ने श्रोताओं को सुर-संवाद की एक आध्यात्मिक यात्रा पर ले गया। राग मेघ मल्हार, राग रागेश्री और राग जोग में प्रस्तुत रचनाओं ने माहौल को संगीतमय कर दिया। विशेषकर भक्ति रस की रचनाएं ‘पायो जी मैंने राम रतन धन पायो’ और ‘मेरे हनुमान लला’ ने श्रोताओं के हृदयों को छू लिया।
इस अवसर पर पं. मनमोहन भट्ट राष्ट्रीय स्मृति सम्मान के तहत कई कलाकारों, कला संरक्षकों और संगीत समीक्षकों को सम्मानित किया गया।
ताल की त्रिवेणी और सम्मान समारोह
कार्यक्रम में तबला त्रिवेणी की प्रस्तुति भी आकर्षण का केंद्र रही, जिसमें हिमांशु महंत, कौशिक कौंवर और मानवेंद्र डांगी ने एक साथ तबला वादन कर संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं, कर्नावती से आईं विदुषी हेतल मेहता जोशी ने बनारस अंग की तबला संगत से श्रोताओं को चमत्कृत कर तालियों की गूंज से नवाजा।
इस अवसर पर पं. मनमोहन भट्ट राष्ट्रीय स्मृति सम्मान के तहत कई कलाकारों, कला संरक्षकों और संगीत समीक्षकों को सम्मानित किया गया। समारोह का दूसरा दिन सोमवार 28 जुलाई को होगा, जिसमें स्वयं पं. विश्व मोहन भट्ट और विदुषी अमिता बेन अपनी प्रस्तुतियां देंगे। कार्यक्रम होटल क्लार्क आमेर, जेएलएन मार्ग, जयपुर में सायं आयोजित किया जाएगा।