
जिले के वल्लभनगर में दो दिन पहले हुए बंद के दौरान कांग्रेस की पूर्व विधायक प्रीति शक्तावत और थानाधिकारी के बीच हुए कथित विवाद ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। पूर्व विधायक ने थानाधिकारी दिनेश पाटीदार पर धक्का-मुक्की और अभद्रता का आरोप लगाया है, जिसे लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन के लिए जुटे।
दरअसल वल्लभनगर क्षेत्र में स्थित ऊंठाला माताजी मंदिर से 1 जुलाई की रात कुछ चोर करीब 25 किलो चांदी और 5 तोला सोने के जेवरात चुरा ले गए थे। दो सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद चोरों का सुराग नहीं लगने पर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और 14 जुलाई को वल्लभनगर बंद का आह्वान किया गया। इसी बंद के दौरान पूर्व विधायक प्रीति शक्तावत भी अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुईं। प्रदर्शन के बाद वे तहसील कार्यालय के भीतर ज्ञापन देने पहुंचीं, जहां थानाधिकारी ने उन्हें अंदर जाने से रोका। इसी दौरान हुई कथित धक्का-मुक्की को लेकर शक्तावत ने थानाधिकारी पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाने की कोशिश की लेकिन पुलिस द्वारा मामला दर्ज नहीं किया गया।
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इसके बाद कांग्रेस ने थानाधिकारी के निलंबन की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और कई वरिष्ठ नेताओं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हैं, ने सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा की।
वहीं वल्लभनगर से भाजपा विधायक उदयलाल डांगी ने पूरे प्रकरण को राजनीतिक स्टंट करार दिया। उन्होंने कहा कि चोरियों से आहत ग्रामीणों ने सर्वसमाज के साथ मिलकर शांतिपूर्ण बंद का समर्थन किया था, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। डांगी ने दावा किया कि पुलिस की टीमें लगातार चोरों की तलाश में लगी हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
यह पूरा घटनाक्रम स्थानीय राजनीति में नए समीकरणों की ओर इशारा कर रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाबसिंह शक्तावत की बहू और दिवंगत विधायक गजेंद्रसिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत जहां जनआंदोलनों के जरिए अपनी सियासी जमीन दोबारा हासिल करने की कोशिश में जुटी हैं, वहीं भाजपा विधायक उदयलाल डांगी अपनी पार्टी के अंदरूनी समीकरणों से अलग-थलग रहते हुए एकला चलो की रणनीति पर काम करते नजर आ रहे हैं।
बहरहाल स्थिति को देखते हुए आने वाले दिनों में वल्लभनगर की राजनीति में और उबाल आने की संभावना है। वहीं प्रशासन भी अब इस मामले पर कड़ी निगरानी बनाए हुए है।