Udaipur News: Kshatriya Society Enraged Over Madan Singh Murder Case, Warned Of Fierce Agitation – Amar Ujala Hindi News Live


उदयपुर के डबोक थाना क्षेत्र में हुए मदन सिंह हत्याकांड को लेकर उदयपुर का क्षत्रिय समाज आक्रोशित है। हत्या को एक महीने से अधिक बीत जाने के बावजूद किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने से क्षुब्ध समाज के सैकड़ों लोग शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट के बाहर इकट्ठा हुए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को सात दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस हत्याकांड का खुलासा जल्द नहीं हुआ, तो वे प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन छेड़ने को बाध्य होंगे।

 

साजिशन हत्या और पुलिस पर लापरवाही का आरोप

प्रदर्शन कर रहे परिजनों और समाज के लोगों का कहना है कि छह जून 2025 को मदन सिंह की गुमशुदगी की रिपोर्ट झाड़ोल थाने में दर्ज करवाई गई थी। इसके अगले ही दिन सात जून को उनका शव पास के जंगल में संदिग्ध हालात में मिला था। मृतक के परिवार और समाज के प्रतिनिधियों का आरोप है कि यह पूर्व नियोजित साजिश के तहत की गई हत्या है, लेकिन पुलिस ने इस पूरे मामले को गंभीरता से नहीं लिया और जांच में लापरवाही बरती है।

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पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर और कुबेर सिंह चावड़ा की चेतावनी

प्रदर्शन के दौरान पूर्व विधायक रणधीर सिंह भीण्डर और सामाजिक कार्यकर्ता कुबेर सिंह चावड़ा भी मौजूद रहे। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि क्षत्रिय समाज किसी भी कीमत पर अन्याय नहीं सहेगा। रणधीर सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन प्रशासन अभी तक सोया हुआ है। यदि सात दिनों में आरोपियों की गिरफ्तारी और मामले का खुलासा नहीं किया गया, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। वहीं, कुबेर सिंह चावड़ा ने चेताया कि यह केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि पूरे समाज की प्रतिष्ठा पर हमला है। अगर सरकार और पुलिस निष्क्रिय रहती है, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।

 

बड़ी संख्या में महिला-पुरुष आए आगे

इस प्रदर्शन में समाज के सैकड़ों युवा, महिलाएं और वरिष्ठजन शामिल हुए। पारंपरिक वेशभूषा में, हाथों में बैनर और पोस्टर लिए लोगों ने जिला प्रशासन से शीघ्र न्याय की मांग की। प्रदर्शन में महिलाओं की भागीदारी विशेष रूप से देखने को मिली, जो सांकेतिक मौन प्रदर्शन के जरिए अपने गुस्से और पीड़ा को सामने ला रही थीं।

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प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल

प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर कई सवाल उठाए। उनका कहना है कि इतने दिनों में पुलिस न तो किसी आरोपी को पकड़ पाई है, न ही हत्याकांड के किसी पहलू पर कोई ठोस सुराग ढूंढ पाई है। लोगों का आरोप है कि पुलिस जानबूझकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है या फिर किसी दबाव में निष्क्रिय बनी हुई है। एक समाजसेवी ने कहा कि जब एक सज्जन, समाजसेवी और परिवार के मुखिया की हत्या जैसे संगीन मामले में एक महीने बाद भी कोई प्रगति नहीं होती, तो ये पूरे तंत्र की नाकामी का प्रतीक है।



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